Rewa News: रसिया और मलेशिया में रीवा के सुंदरजा आम की धूम, जीआई टैग मिलने के बाद बढ़ी डिमांड
Sundarja Mango Rewa: रीवा जिले का सुंदरजा आम देश सहित विदेशों में भी धूम मचा रहा है, पिछले वर्ष इस आम को जीआई टैग मिला था जिसके बाद अचानक इसकी डिमांड बढ़ गई और अब यह रसिया मलेशिया सहित अन्य देशों में बिक रहा है
Rewa News: रीवा जिले का सबसे मशहूर सुंदरजा आम (Sundarja Mango Rewa) जो अपने स्वाद और सुगंध के लिए पूरे देश में जाना जाता है लेकिन अब यह विदेश में भी बिक रहा है, सुंदर जा आम रीवा जिले के गोबिंदगढ़ में होने वाला सबसे प्रसिद्ध आम है जिसे पिछले वर्ष जीआई टैग (GI Tag) मिला था. और इस वर्ष आम की डिमांड अचानक बढ़ गई है यह आम अब भारत के साथ-साथ विदेश में भी बिक रहा है रसिया मलेशिया सहित कई अन्य देशों में इस आम की बेहद डिमांड है.
दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय नागरिक इस आम को मंगा रहे हैं सरकार अब रीवा के गोविंदगढ़ में स्थित सुंदर जा आम के पेड़ अन्य जगहों में भी लग रही है कई जिलों में यह पेड़ पूरी तरह से तैयार है और फल भी देने लगे हैं लेकिन गोविंदगढ़ के सुंदरजा में जो खुशबू और स्वाद है वह दूसरे जगह तैयार होने वाले में नहीं है। यही कारण रहा है कि लंबे अनुसंधान के बाद रीवा जिले के सुंदरजा आम को जीआई टैग मिला है.
राजाओं को भेंट किया जाता था सुंदरजा
रीवा के गोविंदगढ़ में स्थित सुंदर जा आम जिसका स्वाद और खुशबू अन्य आमों की तुलना में बेहद अलग है यह आम आज से 200 वर्ष पहले गोविंदगढ़ में लगाया गया था उस समय राष्ट्रीय स्तर पर ब्रीडिंग महाराजाओं द्वारा की जाती थी. यह आम पैक करके अन्य राजाओं को भेंट किया जाता था और यही कारण है कि आज भी सुंदरजा को खूब पसंद किया जाता है.
विदेश में बढ़ी डिमांड – Sundarja Mango Rewa
रीवा में सुंदरजा आम को बेचने वाले व्यापारियों का कहना है कि इस आम की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है हाल ही में रसिया और मलेशिया में रहने वाले भारतीयों ने भी सुंदरजा आम खरीद और उन्हें यह खूब पसंद आया, व्यापारियों ने बताया कि सुंदर जहां आम की बढ़ती डिमांड के कारण दिल्ली लखनऊ सहित अन्य राज्यों से भी व्यापारी इस आम को खरीदने आते हैं.
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इस वजह से खास है सुंदरजा आम
सुंदरजा की कई खूबियां हैं यह पकने के बाद यह पूरी तरह से पीला और हल्का नारंगी कलर का हो जाता है। इसका स्वाद भी अन्य आमों की तुलना में अलग है. इसकी खुशबू लोगों को आकर्षित करती हैं। पूर्व में हुए अनुसंधान में यह कहा गया था कि अन्य आमों की तुलना में इसमें ग्लूकोस की मात्रा कम होती है. जिसके कारण डायबिटीज के मरीज भी इस आम को सीमित मात्रा में खा सकते हैं इस आम की सबसे खास बात यह है कि जब इसे अन्य जिलों में लगाया जाता है तो इसके आकर रूप रंग और महक में परिवर्तन हो जाता है
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